दूसरा बुनियादी सवाल = आपके पास दरअसल कितना समय है ?

आप यह कैसे कह सकते हैं कि आपके पास पर्याप्त समय नहीं है आपके पास 1 दिन में उतने ही घंटे है जितने ,हेलेन केलर ,लुइ पाश्चर ,माइकल एंजेलो, मदर टेरेसा, लियोनार्डो द विंची, थॉमस जेफरसन और अल्बर्ट आइंस्टाइन के पास थे
                                             एच. जैकसन ब्राउन


विधाता ने किसी को सुंदरता ज्यादा दी है , किसी को कम दी है  | किसी को बुद्धि ज्यादा दि है, किसी को कम दि है| किसी को  दौलत ज्यादा दि है, किसी को कम दी है |लेकिन समय उसने सबको बराबर दिया है 1 दिन में 24 घंटे ! समय ही एकमात्र ऐसी दौलत है , जिसे आप बैंक में जमा नहीं कर सकते | समय का गुजर ना आपके हाथ में नहीं होता | यह तो घड़ी की सुई के साथ लगातार आपके हाथ से फिसलता रहता है | आपके हाथ में तो बस इतना रहता है कि आप इस समय का कैसा उपयोग करते हैं, अगर सदुपयोग करेंगे तो अच्छे परिणाम मिलेंगे | अगर दुरुपयोग करेंगे तो बुरे परिणाम मिलेंगे |

 ध्यान देने वाली बात यह है कि हमारे पास कहने को तो 24 घंटे होते हैं ,  लेकिन  वास्तव में इतना समय हमारे हाथ मैं नहीं होता | सच तो यह है कि समय के एक बड़े हिस्से पर हमारा कोई नियंत्रण नहीं होता| 8 घंटे नींद में चले जाते हैं और 2 घंटे खाने-पीने, तैयार होने एवं नित्य कर्म आदि में चले जाते हैं| यानी हमारे हाथ में दरअसल 14 घंटे का समय ही होता है|  दूसरे शब्दों में जीवन में सिर्फ 58% समय पर हमारा नियंत्रण संभव है, जबकि 42% समय हमारे नियंत्रण से बाहर होता है| सुविधा की दृष्टि से यह मान लें कि 40% समय पर हमारा नियंत्रण नहीं होता, जबकि 60% समय पर होता है|

इस संदर्भ में सदियों पहले  भूर्तहरि की कही गई बात आज भी प्रासंगिक है, विधाता ने मनुष्य की आयु 100 वर्ष तक तय की है, जिसमें से आधी रात्रि में चली जाती है बची आदि में से भी आधी बाल्यावस्था और वृद्धॎऻवस्था में गुजर जाती है और बाकी बचे 25 वर्षों में मनुष्य को को रोग और वियोग के अनेक दुख झेलने पड़ते हैं और नौकरी चाकरी करनी पड़ती है |इसलिए हम यह कह सकते हैं कि जलतरंग के समान चंचल इस जीवन में  लेश मात्र सुख भी नहीं है|

समय अनमोल है, क्योंकि वास्तव में समय ही संसार की एकमात्र ऐसी चीज है, जो सीमित है| अगर आप दौलत गवा देते हैं, तो दोबारा कमा सकते हैं| घर गवा देते हैं, तो दोबारा पा सकते हैं| लेकिन अगर समय गवा देते हैं, तो आपको वही समय दोबारा नहीं मिल सकता| हमारे पास जीवन में बहुत कम समय है और यह समय सीमित है| यदि हम अपनी अपेक्षित आयु 100 वर्ष मान लें, तो हमारे पास जीवन में कुल 36,500 दिन ही  होते हैं| इसी समय हिसाब लगाकर देखें कि इंतजार 36,500 दिनों में से आपके पास कितने दिन बचे हैं, जिनमें आपको अपने जीवन का लक्ष्य प्राप्त करना है? नीचे दी गई आसान गणना करके खुद जान लें कि आपके पास अब लगभग कितने दिन बचे हैं-------


जीवन के कुल दिन               =            36500 
गुजर चुके दिन                       =          .............. 
(आपकी उम्र x365 ) 
शेष बचे दिन                         =           .............. 


 अगर हम जीवन में कुछ करना, कुछ बनना, कुछ पाना चाहते हैं, तो यह अनिवार्य है कि हम समय का सर्वश्रेष्ठ उपयोग करना सीख ले, ताकि इस धरती पर अपने सीमित समय में हम वह सब हासिल कर सके, जो हम हासिल करना चाहते हैं --चाहे वह दौलत या शोहरत हो,  सुख या सफलता हो |

खोई दौलत मेहनत से दोबारा हासिल की जा सकती है, खोया ज्ञान अध्ययन से, खोया स्वास्थ्य चिकित्सा या संयम से ; लेकिन खोया समय हमेशा - हमेशा के लिए चला जाता है 
                                                सेम्युअल स्माइल्स


 कैलेंडर से धोखा ना खाएं | साल भर में केवल उतने ही दिन होते हैं, जिनका उपयोग करते हैं| एक व्यक्ति साल भर में केवल 1 सप्ताह का मूल प्राप्त करता है, जबकि दूसरा व्यक्ति 1 सप्ताह में ही पूरे साल का मूल्य प्राप्त कर लेता है 
                                                      चार्ल्स रिचर्ड्स

Comments