समय के सर्वश्रेष्ठ उपयोग का दूसरा सिद्धांत = आर्थिक लक्ष्य बनाएं

लक्ष्य से आपकी योजना को आकार मिलता है, योजना से आपके कार्य तय होते हैं, कार्यों से परिणाम हासिल होते हैं और परिणाम से आपको सफलता मिलती है | और यह सब लक्ष्य से शुरू होता है 
                             शैड हेल्म्सटेटर

अगर आपका  कोई लक्ष्य ही नहीं है, तो आपकी सफलता संदिग्ध है | अगर आप यही नहीं जानते कि आप कहां पहुंचना चाहते हैं, तो आप कहीं नहीं पहुंच सकते | जैसे, किसी यात्रा पर जाने से पहले आपको है पता होना चाहिए कि आप कहां जाना चाहते हैं, उसी तरह आपको यह भी पता होना चाहिए कि आर्थिक क्षेत्र में आप कहां पहुंचना चाहते हैं | तभी आप वहां तक पहुंच सकते हैं | यदि आपकी  कोई मंजिल ही नहीं है, तो आप वहां तक पहुंचने की योजना कैसे बनाएंगे और उस दिशा में कैसे चलेंगे ? अगर आप जीवन में कुछ करना चाहते हैं, तो यह जान लें कि लक्ष्य के बिना काम नहीं चलेगा | 

लक्ष्य दो तरह के होते हैं  :  सामान्य लक्ष्य और निश्चित लक्ष्य |
 
सामान्य इस प्रकार के होते हैं, 'मैं और ज्यादा मेहनत करूंगा, 'मैं अपनी कार्यकुशलता बताऊंगा,' मैं अपनी योग्यता में वृद्धि करूंगा ' इत्यादि | दूसरी ओर, स्पष्ट लक्ष्य इस प्रकार के होते हैं, मैं हर दिन 8 घंटे काम करूंगा, 'या 'मैं हर महीने ₹20000 कमाऊॅंगा, 'या मैं सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग का कोर्स करूंगा | 'स्पष्ट लक्ष्य वे होते हैं, जिन्हें नापा या जाॅंचा जा सकता है |
 
लक्ष्य जितना स्पष्ट होता है, आपके सफल होने की संभावना उतनी ही ज्यादा होती है |स्पष्ट आर्थिक लक्ष्य सफलता के लिए कितने महत्वपूर्ण होते हैं, इसका एक उदाहरण देखें |

एक सेल्समैन की पत्नी अस्पताल में लंबे समय तक भर्ती रही | हैरानी की बात यह थी कि उस साल सेल्समैन ने अपने सामान्य औसत से लगभग दुगुना सामान बेचा |  जब उससे उसकी सफलता का कारण पूछा गया,  तो उसने कहा कि अस्पताल का बिल उसके सामने रखा था और वह सटीकता से जानता था कि बिल चुकाने के लिए उसे कितना सामान बेचना होगा |'

इस उदाहरण से यह स्पष्ट हो जाता है कि अगर कोई मनुष्य ठान ले, तो वह अपने आर्थिक लक्ष्य हासिल कर सकता है, बशर्ते उसके सामने स्पष्ट लक्ष्य हो | 
इसलिए समय के सर्वश्रेष्ठ उपयोग का दूसरा सिद्धांत है  :  आर्थिक लक्ष्य बनाएं |

आर्थिक लक्ष्य बनाना बहुत ही आसान है आपको पहले तो यथार्थवादी ढंग से यह तय करना है कि आप हर महीने कितनी धनराशि कमाना चाहते हैं और फिर गणित की सहायता से यह पता लगाना है कि इस धनराशि को कैसे कमाया जाए | 

उदाहरण के लिए, अगर कोई दुकानदार हर महीने ₹10,000 कमाना चाहता है और उसे एक प्रोडक्ट बेचने पर ₹50 लाभ होता है, तो गणित आसान है | उसे हर महीने 200 प्रोडक्ट बेचने हैं ( 10,000/50) यदि वह महीने मे 25 दिन काम करता है, तो उसे हर दिन 8 प्रोडक्टस बेचने होंगे | औसत का यह आंकड़ा जानने के बाद अब वह काम को टाल नहीं सकता | अब वह मूड न होने या बोरियत का बहाना भी नहीं बना सकता | इसलिए, क्योंकि कागज पर अंकों का गणित उसे बता रहा है कि अगर लक्ष्य प्राप्त करना है, तो उसे हर दिन इतना काम करना ही पड़ेगा |
 स्पष्ट लक्ष्य होने पर आपको हर पल पता रहता है कि आपके कितनी प्रगति की है और यह संतोषजनक है या नहीं | 
ऊपर दिए उदाहरण में अगर दुकानदार शाम तक 8 प्रोडक्ट्स बैंच लेता है, तो वह जान जाएगा कि उसने आज का लक्ष्य पूरा कर लिया है, परंतु अगर वह 8 प्रोडक्ट्स नहीं बैच पाता, ढतो उसे यह एहसास हो जाएगा कि मासिक लक्ष्य तक पहुंचने के लिए अगले दिन उसे 8 से भी ज्यादा प्रोडक्ट्स बेचने होंगे |

आर्थिक लक्ष्य 20 - 20 क्रिकेट मैच के लक्ष्य की तरह होते हैं | बाद में खेलने वाली टीम जानती है कि उसका लक्ष्य क्या है और जीतने के लिए उसे हर ओवर में किस औसत से रन बनाना है? हर ओवर के बाद अपेक्षित औसत घटता - बढ़ता रहता है और यही मासिक और वार्षिक आर्थिक लक्ष्यों के बारे में भी सही है |
आर्थिक लक्ष्य बनाना और उनके संदर्भ में अपनी प्रगति की जांच करते रहना बेहद जरूरी है, क्योंकि हम अक्सर इस बारे में मुगालते में रहते हैं|  हमें लगता है कि हम बहुत मेहनत कर रहे हैं, हमें लगता है कि हम जितना कर रहे हैं, उससे ज्यादा नहीं कर सकते | लेकिन याद रखें, मेहनत का मतलब हमेशा सफलता नहीं होता | सफलता पाने के लिए यह जरूरी है कि मेहनत सही दिशा में की जाए | आर्थिक विश्लेषण से  यह पता चल जाता है कि हम सही दिशा में मेहनत कर रहे हैं या नहीं | देखिए, महत्वपूर्ण बात यह नहीं है कि आपका इनपुट क्या है महत्वपूर्ण  तो यह है कि आपका आउटपुट क्या है; यानी महत्वपूर्ण बात यह नहीं है कि आप कितनी मेहनत कर रहे हैं, बल्कि यह है कि आप कितने सफल हो रहे हैं |


 अमीर बनने का मतलब है पैसा होना; बेहद अमीर बनने का मतलब है समय होना |
                               मार्गरेट बोनानो

संसार हर उस व्यक्ति को जगह देने के लिए एक तरफ हट जाता है, जो जानता है कि वह कहां जा रहा है 
                                डेविड जॉर्डन

 अगर आपको वह  फसल पसंद नहीं है, जो आप काट रहे हैं, तो उस बीज की जांच करें, जो आप बो रहे हैं |                                         अज्ञात

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